
कई राजनेताओं के बेटे, बेटी और पत्नियां उनकी विरासत को संभालने के लिए हर बार की तरह इस बार भी चुनावी मैदान में हैं। कोई राजनीतिक विरासत संभालने की तैयारी में है तो कोई पूर्वजों के नाम पर वोट मांगते नजर आएगा। हालांकि इसे लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में आक्रोश भी रहता है। ऐसा इसलिए कि जमीन पर मेहनत कार्यकर्ता करता है और टिकट की बारी आती है तो नेताओं का परिवार अहम हो जाता है।
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