भइया आग लगी है, मैं खतम होने वाला हूं आज, भागने का कोई रास्ता नहीं है। तड़के 4:41 बजे मोनू ने फोन पर जब ये शब्द सुने तो रूह कांप गई। यह फोन उसके दोस्त मुशर्रफ का था, जो फैक्टरी में आग की लपटों के बीच...
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