कोरोना से ज्यादा भारतीय आमदनी को लेकर परेशान, ठंड में दूसरी लहर का खतरा

डॉयचे वेले से. देश में कोरोना महामारी के बावजूद लोग त्योहारों के दौरान बहुत कम सावधानी बरतते दिखाई दे रहे हैं। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। दिल्ली और केरल में इसकी दूसरी और तीसरी लहर आ चुकी है। ऐसे में लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी जरूरी बातों को भूलना नहीं चाहिए।

दूसरी लहर के लिए हमें पहली से भी ज्यादा चौकन्ना रहना होगा

हम छोटी-छोटी सावधानियों से कोरोना को रोक सकते हैं। इसलिए सर्दियों में आ रही वायरस की दूसरी लहर से बचने के लिए हमें पहली लहर से भी ज्यादा चौकन्ना रहना होगा।

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जब लोगों के आसपास जाएं तो मास्क लगाना न भूलें। लगातार हाथ धोते रहें। सैनेटाइजर भी साथ रखें। 6 फीट की दूरी के नियम को गंभीरता से फॉलो करें। इनडोर क्राउड से दूर रहें। कोरोना के किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें। ज्यादा दिक्कत होने पर तुरंत कोरोना की जांच कराएं।

क्या लोगों में कोरोना का डर खत्म हो गया है?

42 साल के रुद्रनाथ राजस्थान के अलवर में एक फैक्ट्री में फोरमैन हैं। वह कहते हैं कि उन्हें अपने साथियों को हर वक्त मास्क पहने रखने के लिए कहना बहुत बुरा लगता है। कई साथी कर्मचारी अब वायरस से डरते भी नहीं हैं। उन्हें लगता है कि खराब समय बीत चुका है और जल्द ही वैक्सीन आने वाली है, इससे बीमार होने के बावजूद इलाज हो जाएगा।

कोरोना से लोग डर क्यों नहीं रहे हैं?

हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, भारतीय लोगों में कोरोना से संक्रमित होने के मुकाबले अर्थव्यवस्था और निजी आमदनी बड़ी चिंता का विषय है। इसलिए भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं।

इंफेक्शन एक्सपर्ट जैकब जॉन कहते हैं कि भारत में अधिकतर लोग बीमार पड़ने की तुलना में खाना और दवा जैसी जरूरी चीजों के बारे में ज्यादा चिंतित हैं। इसलिए वे पैसा कमाने बाहर निकल रहे हैं।

क्या भारत में कोरोना का पीक आ चुका है?

भारत सरकार द्वारा नियुक्त वैज्ञानिकों की टीम ने हाल ही में दावा किया है कि भारत में कोविड-19 अपने चरम पर पहुंच चुका है और अगले साल फरवरी तक चलेगा।

वैज्ञानिक की टीम ने बताया है कि देश में रोजाना कोरोना के नए संक्रमण में गिरावट जारी रहेगी और फरवरी 2021 तक महामारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। बशर्ते सभी स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन किया जाए और सरकार आगे भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के मामले में ढील न दे।

टीम ने यह भी दावा किया कि भारत की लगभग 30 प्रतिशत आबादी ने वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर ली है।

क्या भारत में कोरोना की समस्या और बढ़ेगी?

  • भारत में कोरोना से प्रति दस लाख लोगों पर मृत्यु दर काफी कम लगभग 94 है। फ्रांस, स्पेन और ब्रिटेन जैसे देशों में यह संख्या 500 से 700 प्रति दस लाख के बीच है।
  • हालांकि, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि उत्तर भारत में सर्दियों में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण आने वाले महीनों में संक्रमण में तेजी आ सकती है। इंफेक्शन एक्सपर्ट जैकब जॉन का कहना है कि वायु प्रदूषण संक्रमण को बढ़ावा देता है। एरो-सोल हवाई यात्रा में और बड़ी दूरी तक सफर करते हैं।
  • एम्स के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक एमसी मिश्रा कहते हैं त्योहारों का मौसम होने के चलते वायरस तेजी से फैल सकता है। हम पहले से ही लोगों को बाजारों और मॉलों में घूमते हुए देख रहे हैं। यह बीमारी बेहद संक्रामक है, ऐसे में हम आने वाले कुछ महीनों में बीमारी में एक और उछाल देख सकते हैं, जैसा यूरोप अभी देख रहा है।

देश में कोरोना का हाल क्या है?

  • भारत में कोरोना से अब तक 88 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। भारत अमेरिका के बाद संक्रमण के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है। कोरोना से देश में 1.30 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
  • हालांकि, देश में पिछले एक महीने से रोज आने वाले कोरोना के नए मामलों में गिरावट आई है। इसके बावजूद अभी भी औसतन हर दिन करीब 50,000 नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

लोगों में कोरोना का डर कम होने की वजह क्या है?

लॉकडाउन के मुकाबले अब लोगों के बीच कोरोनावायरस का डर कम होता नजर आ रहा है। इसकी कई वजह हैं। यूरोलॉजिस्ट और सर्जन अनंत कुमार कहते हैं कि जब सख्त लॉकडाउन था और जनता की आवाजाही पर रोक थी, तब लोग डरे हुए थे। उस समय भय व्यवहार को नियंत्रित करता था। अब ऐसा नहीं है।

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1. फ्लू से बचने के लिए वैक्सीन जरूर लें

अभी तक तो कोरोना की कोई वैक्सीन आई नहीं है, लेकिन हमें परिवार के हर सदस्य को फ्लू समेत दूसरी बीमारियों से बचने के लिए वैक्सीन लगवानी चाहिए। सर्दियों में कोरोना को रोकने के लिए यह पहला और सबसे जरूरी कदम है।

2. बच्चों के प्रति ज्यादा सावधानी बरतें

जॉन्स हॉपकिंस सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी में स्कॉलर डॉक्टर एरिक टोनर के मुताबिक, बच्चों के स्कूल कब तक खुलेंगे, यह कोई नहीं जानता। बच्चे कई महीनों से घर में कैद हैं। ऐसे में उनके मानसिक स्वास्थ्य की चिंता भी करनी होगी। साथ ही सर्दियों में कोरोना से उन्हें सुरक्षित रखने के लिए पैरेंट्स को विशेष ध्यान देना होगा।

3. मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें

अभी तक कोरोना की वजह से लोगों को सबसे ज्यादा मानसिक तनाव और एंग्जाइटी का सामना करना पड़ा है। अमेरिकी चाइल्ड माइंड इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. हेरोल्ड के मुताबिक, कल के बारे में सोचना एंग्जाइटी की सबसे बड़ी वजह है। सबसे पहले पैरेंट्स को यह सोचना बंद करना होगा कि कल क्या होगा? और बच्चों को भी इस तनाव से मुक्त होने के लिए प्रेरित करना होगा।

4. इमरजेंसी के लिए कुछ सामान स्टॉक में रखें

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस हेल्थ इमरजेंसी के दौर में हम जितना ज्यादा हॉस्पिटल जाने से बच सकें, उतना ही बेहतर है, लेकिन दूसरी बीमारियों से बचने के लिए ये 6 चीजें हमारे घर में होनी चाहिए। इनमें बुखार की दवा, थर्मामीटर, एंटी बैक्टिरियल दवा, हाइड्रोजन पेराक्साइड, सैनेटाइजर और डाइपर्स।

5. शुरुआती गाइडलाइन का गंभीरता से पालन करें

कोल्ड और फ्लू के सीजन में आपको घर के अंदर रहने की जरूरत है। ऐसे मौसम में शरीर दर्द बहुत आम बात है, पर लापरवाही नहीं करनी है। घर के अंदर भीड़ नहीं इकट्ठा करनी है। बगैर मास्क के तो किसी के संपर्क में आना बेहद ही खतरनाक है। हमारी लापरवाही से कोरोना के मामले दोबारा बढ़ रहे हैं।



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Indians are worried about their own income more than Corona, threat of second wave in cold


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