
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक दो राज्यों के बालिका गृहों में यौन उत्पीड़न के मामले सामने आने के बाद अब केंद्र सरकार ने पूरे देश में मौजूद 9000 शेल्टर होम का ऑडिट करने का आदेश दिया हैं. ये रिपोर्ट दो महीने में जमा करनी होगी.
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है, ''मैंने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से कहा है कि दो महीनों में सभी बाल देखभाल संस्थानों का सोशल ऑडिट सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए मैंने प्रारूप भी तैयार कर दिया है.''
ऑडिट का ये नया प्रारूप पुराने से अलग होगा जिसमें सिर्फ़ बच्चों व बेड की संख्या और अन्य सुविधाओं की जांच की जाती थी.
अब शेल्टर होम चलाने वालों की पृष्ठभूमि और बच्चों की हालत की भी जांच की जाएगी.
जनसत्ता के मुताबिक राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी प्रक्रिया के प्रमुख प्रतीक हजेला को मीडिया से बात करने पर फटकार लगाई है.
कोर्ट ने कहा है कि अगर वो ऐसा करते हैं तो अवमानना के लिए जेल भेजे जा सकते हैं. उन्हें आगे सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बिना मीडिया से बात करने के लिए मना किया गया है.
इस पर हजेला ने जजों को बताया कि उन्होंने भारत के महापंजीयक से परामर्श किया था और शिकायतों के समाधान के बारे में आशंकाएं दूर करने के लिए मीडिया से बात की थी. हालांकि, उन्होंने इस संबंध में कोर्ट से माफी भी मांग ली.

महाराष्ट्र सरकार का यू-टर्न
दैनिक भास्कर के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाइकोर्ट में कहा है कि मल्टीप्लेक्स में बाहर का खाना लाने से सुरक्षा को ख़तरा होता है.
इसे सरकार का यू-टर्न माना कहा जा रहा है क्योंकि इससे पहले मंत्री रवींद्र चव्हाण ने विधानसभा में कहा था कि मल्टीप्लेक्स और मॉल्स को बाहरी सामान लाने से नहीं रोकना चाहिए.
मल्टीप्लेक्स में बाहर से खाने का सामान अंदर ले जाने और अंदर मिलने वाले महंगे सामानों पर विवाद चल रहा है.

विधायकों को मिलेंगे 10 करोड़
अमर उजाला के मुताबिक अब दिल्ली के विधायकों को अपने इलाकों में विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये सालाना दिए जाएंगे. पहले ये राशि चार करोड़ रुपये थी.
दिल्ली विधानसभा में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि विधायक लंबे समय से स्थानीय क्षेत्र विकास निधि बढ़ाने की मांग कर रहे थे, जिसे पूरा कर दिया है.
उन्होंने ये भी बताया कि ये फैसला इसी साल से लागू हो जाएगा.
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