
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत डीएमके नेता एम. करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफ़नाया जाएगा.
मद्रास हाईकोर्ट ने कई घंटों तक चली सुनवाई के बाद करुणानिधि को अन्नादुरई की समाधि के बगल में दफनाने की अनुमति दी.
इस मसले पर मंगलवार रात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के घर पर सुनवाई शुरू हुई थी, जिसे सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.
अदालत ने राज्य सरकार से इस पर जवाब मांगा है.
डीएमके चाहती है कि उनके नेता के शव को मरीना बीच पर जगह मिले, जहां तमिलनाडु की राजनीति के दिग्गजों के शव दफ़नाए गए थे. लेकिन प्रदेश की एआईएडीएमके सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी.
डीएमके इसके ख़िलाफ हाईकोर्ट चली गई और देर रात ही इस मसले पर अदालत बैठी.
'क्या मैं आपको पिता बुला सकता हूं, मेरे नेता'

28 जुलाई की रात से अस्पताल में भर्ती करुणानिधि का मंगलवार शाम 6.10 बजे निधन हो गया. वह 94 वर्ष के थे.
उनका पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान गोपालपुरम ले जाया गया. बुधवार को लोगों के दर्शन के लिए उनके शव को राजाजी हॉल में रखा जाएगा.
डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने अपने पिता के नाम एक भावुक पत्र भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, ''मैंने आपको पिता से ज़्यादा एक नेता के तौर पर पुकारा है. अब एक बार, मेरे नेता, क्या मैं आपको पिता बुला सकता हूं.''
करुणानिधि का शव मरीना बीच पर दफ़नाने के ख़िलाफ़ याचिका दायर करने वाले वकील एक दुराईसामी ने अपनी याचिका वापस लेने का फैसला किया है. उनका कहना है कि उनकी याचिका को मरीना बीच पर करुणानिधि को दफ़नाने से इनकार करने के संदर्भ में ग़लत तरीके से पेश किया गया है.
इस संबंध में डीएमके ने औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री से अनुरोध भी किया था. इस अनुरोध पर तमिलनाडु सरकार ने एक बयान जारी किया है.
तमिलनाडु के मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन के अनुसार मुख्यमंत्री का कहना है कि मरीना तट पर नेताओं की अंत्येष्टि का मामला हाई कोर्ट में है.
राहुल-रजनी की अपील, मरीना बीच पर मिले जगह
सरकार का कहना है कि वो अन्ना यूनिवर्सिटी के सामने दो एकड़ ज़मीन देने के लिए तैयार है. यह इलाक़ा मरीना बीच से आठ किलोमीटर की दूरी पर है.
करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन, एमके अलागिरी और बेटी कनिमोझी का मन है कि उनके पिता को अन्ना दुरै की समाधि के बगल में जगह मिले.
डीएमके के समर्थकों ने मरीना बीच पर करुणानिधि को दफ़नाने की मांग में तोड़फोड़ भी की है. ये चाहते हैं कि मरीना बीच पर ही उनके नेता की अंत्येष्टि हो और एक समाधि बने.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी करुणानिधि की अंत्येष्टि मरीना बीच पर किए जाने का समर्थन किया है.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया है, ''जयललिता जी की तरह कलाइग्नर करुणानिधि भी तमिल लोगों की आवाज थे. उस आवाज को मरीना बीच पर जगह मिलनी चाहिए. मुझे यकीन है कि तमिल नाडु के नेता इस दुख की घड़ी में उदार रुख अपनाएंगे.''
अभिनेता रजनीकांत ने भी करुणानिधि की मृत्यु पर दुख जाहिर करते हुए उनकी अंत्येष्टि मरीना बीच पर ही किए जाने का समर्थन किया है.
रजनीकांत ने ट्वीट किया है कि वो तमिलनाडु सरकार से सम्मानित कलाकार को मरीना बीच पर दफनाए जाने का नम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं. यही उनका सबसे बड़ा सम्मान होगा.
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने भी करुणानिधि के निधन पर उनके परिवार और समर्थकों के लिए गहरी सहानुभूति व्यक्त की है.
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चेन्नई पहुंच चुकी हैं और एमके स्टालिन और कनिमोझी से मिली हैं.
करुणानिधि की मृत्यु पर बिहार सरकार ने भी दो दिन के शोक की घोषणा की है.

अन्ना की समाधि
अन्नादुरै को करुणानिधि का परिवार उनका गुरु मानता है. अन्ना की समाधि मरीना बीच पर है. हालांकि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलनीसामी इस पर राज़ी नहीं हुए. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को मरीना बीच पर ही दफ़न किया गया था.
एक तर्क ये भी दिया जा रहा है कि मरीना तट पर किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री की अंत्येष्टि नहीं हुई. यहां पर तीन मुख्यमंत्रियों को दफ़न किया गया है और तीनों की मौत मुख्यमंत्री रहते हुई थी. मरीना तट पर अन्नादुरै, एमजी रामचंद्रन और जयललिता की अंत्येष्टि हुई है.
प्रदेश सरकार का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री के कामराज और राजाजी की समाधि भी गांधी मंडपम के पास है.

यहीं पर करुणानिधि को दफ़न करने के लिए सरकार जगह दे रही है, लेकिन डीएमके चाहती है कि करुणानिधि की समाधि भी द्रविड़ हस्तियों के साथ ही हो.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि मद्रास हाई कोर्ट में नेताओं की समाधि बनाने के ख़िलाफ़ तीन जनहित याचिका दायर हैं. याचिका में कहा गया है कि मरीना पर समाधि बनाना 'कोस्टल रेग्युलेशन ज़ोन रूल्स' के ख़िलाफ़ है. मुख्यमंत्री को लग रहा है कि मरीना तट पर समाधि बनाने की अनुमति देने से क़ानूनी समस्या खड़ी हो सकती है.
0 Comments